Saturday, August 6, 2011

केवल फिल्म शीर्षको से निर्मित ’लिम्का बुक आफ़ रिकार्डस’ से सम्मनित मोनोलोग "हेलो सिस्टर"

आपने फिल्मों में कहानी (भले ही सार्थक/ अनर्थक) देखी-सुनी है पर क्या आपने कभी केवल और केवल फिल्म के तूके-बेतूके शीर्षको के उपयोग से किसी अर्थपूर्ण रचना की कल्पना की है? शायद नही की होगी. मुम्बई के दिनेश शिवनाथ उपाध्याय ने इस कल्पना को अपनी इच्छाशक्ति से साकार कर दिखाया है.

अभिनेता आमिर खान द्वारा आटोग्राफ़ की गई पुस्तक "हेलो सिस्टर"

ह्ज़ारो फिल्म शीर्षको से माथापच्ची करने के उपरान्त मुम्बई के इस शिक्षक और लेखक ने ४० विभिन्न देशी-विदेशी भाषाओं मे बनी ६२१ फ़िल्म के शीर्षको का उपयोग कर मौलिक सार्थक मोनोलोग (एकालाप) "हेलो सिस्टर" की रचना की है जिसे हाल ही मे विश्वरिकॉर्ड की मान्यता मिली है.

दिनेश उपाध्याय मुंबई विश्वविद्यालय से भौतिकरसायन विज्ञान मे स्नातकोत्तर (एमएससी) हैं. विज्ञान पृष्ठभूमि उनके लेखन के जुनून में बाधक नहीं है. वह रचनात्मक लेखन में विश्वास करते हैं, साथ ही लेखन मे नये-नये प्रयोग मे लगे रह्ते है. उनके लेखन प्रयोग का बेहतरीन उदाहरण मोनोलोग "हेलो सिस्टर" है.

"हेलो सिस्टर" नाटकीय एकालाप का एक अच्छा उदाहरण है जो एकतरफा टेलीफोन वार्तालाप के रूप में है. इस एकालाप में अल्लादीन अपनी बडी बहन राजनन्दिनी को एक देर रात टेलीफोन कर उसे उसके जीवन से जुडी महत्वपूर्ण सूचना से अवगत कराता है. अल्लादीन के इस भावनात्मक एकतरफा टेलीफोन वार्ता मे हमे मानव प्रकृति के विभिन्न भावनाओं के दर्शन होते है. इस एकालाप की पार्श्वभूमि १९८० के दशक के किसी छोटे - से भारतीय कस्बे / शहर पर आधरित है.

"हेलो सिस्टर" की रचना इतनी बारिकी से की गयी है कि एकबारगी पता ही नही चलता है कि इसे केवल फिल्म के शीर्षको का उपयोग कर बनाया गया है.

दिनेश उपाध्याय को इस रिकॉर्ड की प्रेरणा डा. महेन्द्र मित्तल के शोध प्रबन्ध ग्रन्थ "भारतीय चलचित्र" (१९६८) का अध्ययन करते समय ’उसने कहा था’ और ’देख कबीरा रोया’ इन दो फिल्म शीर्षको को देख कर मिली. दिनेश उपाध्याय ने २००९ के शुरुआती महीने में इस रचना पर काम शुरू किया और इसके लिये उसे ह्ज़ारो फिल्म शीर्षको को खगालना पडा. "हेलो सिस्टर" का वर्तमान स्वरूप विभिन्न भारतीय, एशियाई, यूरोपीय और अमेरिकी फिल्मों के ६२१ शीर्षको से बना है. मूल रूप से इस एकालाप की भाषा हिंदी और अंग्रेजी का मिश्रण है, लेकिन इसमें इस्तेमाल ६२१ फिल्म शीर्षक ४० विभिन्न देशी-विदेशी भाषाओं जैसे अरबी, असमिया, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलियाई, बंगाली, कैंटोनीज़, छत्तीसगढ़ी, क्रोएशियाई, डेनिश, डच, मिस्र, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, हरियाणवी , हिब्रू, हिंदी, हंगरी, इन्डोनेशियाई, आयरिश, इतालवी, जापानी, कन्नड़, कोरियाई, अकर्मण्य, मलयालम, फ़ारसी, पोलिश, पुर्तगाली, रोमानियाई, रूसी, स्पेनी, सर्बियाई, मौन, स्वीडिश, ताइवानी, तमिल, तेलुगु, तुर्की, उर्दू की फिल्मो से है. इन सभी फिल्म शीर्षको को

IMDB ( http://www.imdb.com/ ) और अन्य प्रसिद्ध फिल्म वेबसाइटों से सत्यापित किया गया है. इन फिल्म शीर्षको के पूर्ण ब्योरे हेतु सूची- पत्र भी बनाया गया है जिसमे फिल्मो के वर्ष, भाषा, निर्माता, निदेशक के साथ उनकी उचित वेब लिन्क भी दर्ज है.
मोनोलोग (एकालाप) "हेलो सिस्टर" केवल फिल्म शीर्षको के उपयोग से लिखी गई विश्व की सबसे लंबी अर्थपूर्ण रचना है. लिम्का बुक आफ़ रिकार्ड (भारत) ने २०११ के नवीनतम संस्करण के साहित्य श्रेणी मे इसे स्थान दिया है. गौरतलब है कि लिम्का बुक आफ़ रिकार्ड के २०११ के नवीनतम संस्करण में दिनेश उपाध्याय ४ नवीन रिकॉर्ड को ४ विभिन्न श्रेणियो (व्यापार, सन्चार, मानव कहानी और साहित्य) मे मान्यता मिली है जो एक रिकॉर्ड ही है. न्यूयॉर्क स्थित विश्व रिकार्ड सन्स्था "रिकार्ड सैटर” (URDB) ने भी मोनोलोग "हेलो सिस्टर" को विश्व रिकॉर्ड की मान्यता दी है.

अपने रिकॉर्ड बनाने के पागलपन के कारण हाल ही मे रेडियो सिटी ९१.१ एफ़एम ने उन्हे 'सबसे पागल मुंबईकर' पुरस्कार के लिये नामान्कित किया था. २३ जून २०११ को रेडियो सिटी मुंबई के स्टूडियो मे अभिनेता आमिर खान ने दिनेश उपाध्याय को ’सबसे पागल मुंबईकर' का पुरस्कार दिया. आमिर खान ने दिनेश उपाध्याय के मोनोलोग "हेलो सिस्टर" को पढ़ा और सराहा. साथ ही आमिर ने उसके इस काम से प्रभावित हो पुस्तक के मुखपृष्ठ पर कामयाबी का अच्छा संदेश लिख हस्ताक्षर किये. गिनिज़ बुक आफ़ वर्ल्ड रिकार्ड से मान्यता मिलने के बाद दिनेश की योजना "हेलो सिस्टर" पर ८-१० मिनट की एक लघु फिल्म निर्माण करने की है.


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